फरिश्तों के बारे में अकीदा

Saturday, April 10, 2010 8:28 AM Posted by rafiq khan

खुदा की तौहीद और उसके पैगम्बरों पर ईमान लाने के साथ साथ फरिश्तों
के वजूद पर भी ईमान लाना जरूरी है.फरिश्तों के वजूद का इन्कार कुफ्र है.
अल्लाह ने फरिश्तों को नूर से पैदा किया इसलिए वो हमें दिखाई नहीं देते.
और उनको ये ताक़त दी है कि वह जिस शक्ल में चाहे ज़ाहिर हो जाये.
फ़रिश्ते अल्लाह के मासूम बन्दे हैं.वो वही करते हैं जो खुदा का हुक्म होता
है.वो खुदा के हुक्म के खिलाफ कुछ भी नहीं करते हैं.वो हर किस्म के छोटे
बड़े गुनाह से पाक हैं.उनमे गुनाह करने की सलाहियत ही नहीं है.
अल्लाह ने इन फरिश्तों को मुख्तलिफ कामों में लगा दिया है.और जिन जिन
को जो काम सुपुर्द किया है वो उसी में लगे हुए हैं.फरिश्तों की तादाद अल्लाह ही
बेहतर जानता है.फरिश्तों में सबसे ज्यादा मशहूर चार फ़रिश्ते हैं.हजरत जिब्राइल,
हजरत मीकाईल,हजरत इस्राफील और हजरत इजराईल अलैहिस्सलाम.
फरिश्तों की शान में गुस्ताखी करना बहुत बड़ा गुनाह है.

Comments (2)

My name is jakir ali khan i am from sikar,raj,india working in dubai

कंप्यूटर चलाना भी हराम हैं ।
मिंया

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