ईमान क्या है?

Wednesday, April 7, 2010 12:08 AM Posted by rafiq khan

ईमान से मतलब वो बातें जिन पर दिल से ईमान लाना बेहद जरूरी है.
जिन पर ईमान लाये बगैर कोई शख्स मुसलमान नहीं हो सकता.ईमान
इस्लाम में नींव की हैसियत रखता है.जैसे अगर नींव कमज़ोर हो तो
इमारत ढह जाती है उसी तरह अगर ईमान या अकीदा कमज़ोर हो या
इस्लामी अकाइद में कोई शक या शंका हो तो इस्लाम की इमारत ढह
जाती है.मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूँ जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी गुजार
दी लेकिन कलमा तय्यब भी अच्छी तरह याद नहीं और पूरी जिंदगी अपने
आपको मुसलमान कहलवाते रहे.यही हाल आज के पढ़े लिखे नौजवानों का
है जिनको न कलमा अच्छी तरह पढना आता है न ही वो उसका मतलब
जानते हैं.तो मुसलमानों अगर आप भी उनमे से हो तो अपने ईमान को
दुरुस्त करो और इस्लामी अकाइद को जानें और समझें और उन पर सच्चे
दिल से ईमान लाओ.यह याद रखो जब तक ईमान दुरुस्त नहीं होगा कोई
भी अमल नमाज़,रोज़ा,हज्ज,जकात कुछ भी कबूल नहीं होगा.

तो मुसलमान भाइयों सबसे पहले आपको छ: कलमे बताये जायेंगे फिर
दुसरे इस्लामी अकाइद के बारे में बताया जायेगा.अगली पोस्ट का इन्तेजार करें.

Comments (0)

Post a Comment