पैगम्बरों व रसूलों के बारे में अकीदा

Friday, April 9, 2010 9:16 AM Posted by rafiq khan

अल्लाह ने अपने बन्दों की हिदायत के लिए बहुत से पैगम्बरों को दुनिया में भेजा.
ये सब पैगम्बर गुनाहों से पाक है और अल्लाह के बहुत ही नेक बन्दे हैं.सभी पैगम्बर
इंसानों में से पैदा हुए.अल्लाह के सब पैगम्बरों का यही काम है कि वह अल्लाह के
पैगाम(सन्देश) और उसके अहकाम को बन्दों तक पहुंचाए.अल्लाह ने इन पैगम्बरों
की सच्चाई ज़ाहिर करने के लिए इन के हाथों से ऐसी हैरतनाक और ताजुब(अचंभे) में
डालने वाली चीजें जाहिर की जो आम आदमी नहीं कर सकता इनको मोजजा कहते हैं.
जैसे हजरत मूसा अलैहिस्सलाम का असा कि वह अजगर बन कर फिरओन के सामने
जादूगरों के साँपों को निगल जाना,हजरत ईसा अलैहिस्सलाम का मुर्दों को जिन्दा करना,
हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्ल. का डूबे हुए सूरज को लौटाना,और भी बहुत से हैरतनाक
काम ज़ाहिर होना ये सब मोजजात हैं.इन पैगम्बरों को नबी कहते हैं.और इन नबियों में से
जिन पर अल्लाह ने आसमानी किताबें नाजिल की उनको रसूल कहते हैं.सब नबी व रसूल
मर्द(पुरुष) थे.एक भी औरत नबी नहीं हुई.नबी सब इंसानों से ज्यादा अकल्मन्द और बेऐब
यानी बुराई से पाक हैं.
सबसे पहले पैगम्बर हजरत आदम अलैहिस्सलाम है और सबसे आखरी(अन्तिम) पैगम्बर
हजरत मुहम्मद सल्ल: है.बाकी सब पैगम्बर इनके दरमियान हुए.इन पैगम्बरों में जो सबसे
मशहूर है और जिनका जिक्र कुरआन मजीद और हदीसों में आया है वो ये हैं-हजरत आदम
अलैहिस्सलाम,हजरत नूह अ:,हजरत इब्राहीम अ:,हजरत इस्माइल अ:,हजरत इशाक अ:,
हजरत याकूब अ:,हजरत युसूफ अ:,हजरत दाउद अ:,हजरत सुलेमान अ:,हजरत अय्यूब अ:,
हजरत मुसा अ:,हजरत हारून अ:,हजरत जकरिया अ:,हजरत यहया अ:,हजरत इलियास अ:,
हजरत यूनुस अ:,हजरत लूट अ:,हजरत इदरीस अ:,हजरत सालेह अ:,हजरत हूद अ:,हजरत
शुएब अ:,हजरत ईसा अ: और हजरत मुहम्मद सल्ल:
खुदा के पैगम्बरों की तादाद(संख्या) तय नहीं ये खुदा ही बेहतर जानता है.बस यह अकीदा
रखना चाहिए कि हमारा हर पैगम्बर व नबी पर ईमान है.
जिस तरह अल्लाह पर ईमान लाना जरूरी है उसी तरह हर नबी की नबुव्वत पर भी ईमान
लाना जरूरी है.
सभी पैगम्बर और फ़रिश्ते मासूम होते हैं.यानी गुनाहों से पाक होते हैं.नबी और फरिश्तों के
अलावा कोई मासूम नहीं.
पैगम्बरों को कोई ऐसी बीमारी नहीं होती जिससे नफरत हो जैसे कोढ़.
अल्लाह ने अपने कई पैगम्बरों को और विशेष तौर पर आखरी नबी हजरत मुहम्मद सल्ल: को
बहुत सी गैब(गुप्त) की बातों का इल्म(ज्ञान) अता किया.
अल्लाह का कोई वली चाहे कितने ही बड़े मर्तबा वाला हो किसी नबी के बराबर नहीं हो सकता.
पैगम्बरों के मुख्तलिफ दर्जे हैं.सबसे अफज़ल हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्ल: है.उनके बाद
सबसे अफज़ल हजरत इब्राहीम फिर हजरत मुसा फिर हजरत ईसा फिर हजरत नूह अलैहिस्सलाम.
सभी पैगम्बर अपनी अपनी क़ब्रों में ज़िंदा है.
हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्ल: आखरी पैगम्बर है.उनके बाद क़यामत तक कोई दूसरा नबी
नहीं आ सकता.
हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्ल: क़यामत के दिन सब की शफाअत करेंगे.
हुज़ूर मुहम्मद सल्ल: से मोहब्बत ऐन ईमान है.जब तक हुज़ूर सल्ल: की मोहब्बत अपने माँ बाप
औलाद बल्कि पूरी दुनिया से ज्यादा नहो कोई शख्स कामिल मुसलमान नहीं हो सकता.इसके
साथ ही हुज़ूर मुहम्मद सल्ल: के सहाबा(साथियों) व अहले बैत से मोहब्बत रखें.और उनकी इज्ज़त
करें.और हुज़ूर सल्ल: के दुश्मनों से दुश्मनी रखें.चाहे वो अपना बाप,बेटा या रिश्तेदार ही क्यों न हो.
हुज़ूर मुहम्मद सल्ल; का फरमान अल्लाह का ही फरमान है.और हुज़ूर सल्ल: की इताअत(पैरवी)
अल्लाह की ही इताअत है.हुज़ूर सल्ल: की नाफ़रमानी अल्लाह की नाफ़रमानी है.
जो शख्स हुज़ूर सल्ल: को झूठा कहे या उनकी शान में कोई छोटी सी भी गुस्ताखी करे या उनमें कोई
बुराई निकाले या उनकी सुन्नत को बूरा समझे या उनका मज़ाक उडाये वो इस्लाम से खारिज है.

Comments (6)

आपने बहुत अच्छा लेख लिखा है

हहह

हहह

सुभानल्लाह

सुभानल्लाह

Sahi baat h

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